सोमवार, 23 दिसंबर 2013

एक चटाई और


एक चटाई और


अपने अज्जु भाई की बी एङ
पूरी हो गई, समझ नहीं आ रहा था अब
वो क्या करें?
इसके लिए वे त्यागी साधुओं के पास पहुंचे-
आश्रम में पहुंचकर उसने देखा- 7 साधु सात
चटाईयों पर सिर्फ कच्छा पहनकर बैठे थे।
वे बस बोलते जा रहे थे, जीवन में कुछ
भी नहीं है, सबकुछ माया है।
अज्जु भाई- महाराजों, मेरी एक
समस्या का समाधान करें।