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सीन जाना पहचाना :
फिल्मों में किसी ने किसी पर जरा सा अहसान किया नहीं कि वह सामने वाले को देवता बना लेता है। खासकर बुढा आदमीं। तूफानी रात में एक नौजवान एक लड़की को उसके घर पहुँचाने जाता है, तो उस लड़की का बुढा बाप सदियों से एक ही संवाद बोलता आया है, ' बेटा, तुम इन्सान के रूप में देवता हो।'
जवाब में वह नौजवान कहता है, ' जी ये तो मेरा फर्ज था।'
एक खुबसुरत लड़की को उसके घर पहुंचा देना कोई फर्ज-वर्ज नहीं है। अगर यह...