शुक्रवार, 26 अक्टूबर 2018

तुम इन्सान के रूप में देवता हो

पिक क्रेडिट - pixabay सीन जाना पहचाना : फिल्मों में किसी ने किसी पर जरा सा अहसान किया नहीं कि वह सामने वाले को देवता बना लेता है। खासकर बुढा आदमीं। तूफानी रात में एक नौजवान एक लड़की को उसके घर पहुँचाने जाता है, तो उस लड़की का बुढा बाप सदियों से एक ही संवाद बोलता आया है, ' बेटा, तुम इन्सान के रूप में देवता हो।' जवाब में वह नौजवान कहता है, ' जी ये तो मेरा फर्ज था।'  एक खुबसुरत लड़की को उसके घर पहुंचा देना कोई फर्ज-वर्ज नहीं है। अगर यह...

बुधवार, 24 अक्टूबर 2018

इसके दहेज में पांच लाख क्यों?

पिक क्रेडिट - pixabay एक आदमीं के शादी के लायक चार बेटियां थी। जिसके लिए वो लडकों की तलाश में था। एक रोज ऐसा सम्भावित दामाद उसके घर आया तो उसने उसको अपनी चारों लडकियाँ दिखाई।     "ये कमला है।"  - वो बोला - "जरा काली है।" मैं इसके दहेज के बदले में बीस हजार            रूपये नकद दूंगा।     "ये विमला है।" - जरा भैंगी  है। इसके दहेज में पचास हजार रूपये दूंगा।    ...

दिलचस्प और सच्ची बातें

पिक क्रेडिट - pixabay कुछ बातें सुनने या पढ़ने में भले ही अजीब लगती हों, लेकिन होती बहुत दिलचस्प और सच्ची हैं,  आइये इन्हें जानें - * वाल्ट डिज्नी के नाम से आप सभी लोग परिचित हैं। इन्होने मिकी माउस, डोनाल्ड डक और गुफी जैसी कई कार्टून फ़िल्में बनाई, जो बच्चों और बड़ों का मन मोह लेती है। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि वाल्ट डिज्नी स्वयं अपने हीरो चूहे (माउस) से बहुत भयभीत रहते थे। * नेपोलियन की बहादुरी से हम वाकिफ हैं, लेकिन आपको...

मंगलवार, 23 अक्टूबर 2018

अच्छा बताओ?

पिक क्रेडिट - pixabay पेश है कुछ अजब-गजब प्रश्नोतर ! प्रश्न : 1. वह कौनसी 'रात' है जो सिर्फ दुल्हे की ही होती है? 2. कौनसा 'यार' सबको नुकसान पहुंचाता  है? 3. 'सुख' और 'दुःख' में क्या फर्क है? 4. कौन 'कान' है, जिसमें मनुष्य रहता है? 5. 'न' ही उसकी शुरुआत है और 'न' ही उसका अंत, फिर भी उससे देखा जाता है? 6. कौशिश से पहले कामयाबी कहाँ मिलती है? 7. कौनसा 'गम' खाने में मजेदार लगता है? 8. एक व्यक्ति कहता है, 'मैं हमेशां झूठ बोलता हूँ',...

सोमवार, 22 अक्टूबर 2018

कलयुगी पिता पुत्र संवाद।

पिक क्रेडिट - pixabay पिता ने पुत्र के चरण स्पर्श किया, और कहा - क्या आज्ञा  है मेरे लिए, पुत्र ने कहा - हे चिरंजीव बाप, उससे पहले की आपसे शुरू करूं वार्तालाप, एक बीड़ी पिलवाईए, पांव जरा धीरे दबाइये, माँ के नहीं मेरे पांव है, पिता ने पुत्र की बीड़ी सुलगाई, खुद भी खेंच के ऐसी दम लगाई, की बीड़ी के प्राण पखेरू उड़ गये, बेटे के होंठ मारे गुस्से के सिकुड़ गये, बाप से बोला - बदतमीज , तूं बाप है या फजीता है, बेटे के सामने बीड़ी पीता...

रविवार, 21 अक्टूबर 2018

ईमानदार गरीब माँ

पिक क्रेडिट - pixabay फिल्मों में सम्बन्ध भेद  फ़िल्मी गरीबी का ईमानदारी से गहरा रिश्ता होता है। जैसे दुनियाभर की ईमानदारी का ठेका उसके ही पास हो। एक गरीब फ़िल्मी माँ है। उसका एक गरीब बेटा है। बेटा स्मगलिंग करके चार पैसा कमाने लगता है। ज्यों ही माँ को मालूम पड़ता है, तो बुढिया ऐसे बिफरती है की पूछो ही मत, 'जा अपने आपको कानून के हवाले कर दे।' अरे! पुलिस कौनसी दूध की धूली है। बेचारा बेरोजगार था। एक धंधा सामने दिख गया, सो करने लगा। जमाने के...