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म्हारी घरवाली फुलनवती को,
म्हारा एक किलो प्यार,
आगे समाचार यो है की जब से तुं अपने भतीजे महंगाई लाल की सादी में गयी है, तब से थारी याद में म्हारा ५० मिलीलीटरखून घट गयो। थारे प्रेम में म्हारा तो घाटा ही घाटा हो रियो है, नफो तो कोई नई। थारे से सादी करके म्हारा तो दीवाला ही निकल गयो है।
सादी के बाद में थारा वजन बढ़ गया, पन म्हारी तिजोरी हल्की हो गयी, मैंने तुझे कितनी बार समझाया की असली घी मत खाया कर, पर तुने तो पूरो कनस्तर ही खाली कर दियो, अरे इतनी फीजूल खर्ची तो सरकार भी नहीं करती।
थारे मिलावटी प्यार रि कसम, जब से तुं गयी है, म्हारे को आटे-दाल का भाव मालूम पड़ गयो है। होटल में खाना कितना महंगा हो गया है की दाम पूछ कर ही म्हारी तो भूख मर जावे है। अगर थारे प्रेम के बही खाते में म्हारे नाम की पूंजी लिखी हो तो अब ओर खर्चा मत करियो, भतीजी की सदी में लेन-देन करते समय होंशियारी से काम लीज्यो। लेन तो करियो पर देन मत करियो। ओर हाँ, पिछले टाइम थारे बाप ने म्हारे से २५ रु. उधार लिए थे, वो सूद समेत वसूली कर कीज्यो, आगे क्या लिखूं, थारे बिना म्हारे मन का गोदाम खाली पड़ा है, म्हारी प्यारी शक्कर की बोरी।
थारे इन्तजार में मक्खियाँ गिणता थारा पति ...
पूंजीमल रोकड़ा