इमेज क्रेडिट - pixabay |
डी.एस.पी.(डब्बू,श्या मू और पप्पू) की माँ,
सदा खबरदार रहो,
तुम्हे घर से मैके 'फरार' हुए पूरे तीन हफ्ते हो चुके हैं। मैंने तुम्हे सिर्फ दो हफ्ते रहने की मोहलत दी थी, मगर मियाद पूरी होने के बावजूद तुम वापस नहीं लौटी, इसलिए मैं तुम्हे इस खत के रूप में वारंट भेज रहा हूँ, मैं तुम्हे आख़री वार्निंग देता हूँ, अगर खत मिलने के दो दिन के अंदर डी.एस.पी. सहित तुमने अपने आपको मेरे हवाले नहीं किया तो मैं ससुराल में छापा मारने पहुँच जाऊँगा।
तुम नहीं जानती की तुम्हारे बिना ये घर सुनी हवालात सा लगता है, तुम्हारी शक्की नजरों की कसम, बगैर तुम्हारे न मेरा दिल (रम) पीने को करता है ना (रिशवत) खाने को। तुम्हारे गम में मैं गुंडों को पिटता रहता हूँ। दिन भर तुम्हारी याद में खोया रहता हूँ, रात को ड्यूटी पर सोया रहता हूँ, इसलिए आजकल मेरे इलाके में चोरियां, डकेतीयां, लुटमारीयां बढ़ यी है। चोर उचक्कों की मौज आ गयी है। वो हरामखोर साले (तुम्हारे भाई नहीं) मुझ से पूछे बिना बेचारी जनता को लुट रहे हैं। ये मैं हरगिज बर्दास्त नहीं कर सकता, इसलिए अब तुम्हारी खेरियत इसी में है की तुम फौरन अपने मैके का इलाका छोड़ दो वरना ......
तुम्हारा रौबदार पति
गर्जनसिंह (धमकीपुर)
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें
अगर आपको हंसाने का मेरा प्रयास सफल रहा हो, तो प्यारी सी टिप्पणी जरुर कीजिये।