गुरुवार, 18 अक्तूबर 2018

यमराज का जन्मदिन

यमराज का जन्मदिन
पिक क्रेडिट - pixabay

भगवान यमराज के जन्मदिन पर
लगा हुआ था दरबार
मृत्युलोक से आई हुई तीन आत्माएं
कर रही थी भाग्य निर्णय का इंतजार
एक सेठ, एक जौहरी और एक चोर
यमराज प्रभु मुखातिब हुए चित्रगुप्त की ओर
आज ख़ुशी का दिन है गुप्त जी
सबकी इच्छा पूर्ण करेंगे 
पापी हो, अपराधी हो, या धर्मात्मा
जो मांगेगा वो ही उसको देंगे।

सेठ ने कहा,
"यमराज मैं दस लाख की सम्पति छोडकर आया हूँ,
पुनर्जन्म में इससे दस गुनी मिल जाये
तो मैं करोडपति हो जाऊं।"
"तथास्तु " कह कर प्रभु ने दृष्टी घुमायी
अब जौहरी की बारी आयी 

"मैं अधिक नहीं चाहता श्रीमान,
हीरा-मोती जवाहरात से भरी हुई 
मिल जाये वही पुराणी दुकान।"
"तथास्तु" बोलकर अंत में चोर से
"तु क्या चाहता है? वत्स।"

"मैं कुछ नहीं चाहता प्रभु ,
बस इतनी कृपा कीजिए 
मुझे इन दोनों के पूरे पते बता दीजिए।"

===*===*===अंतर्जाल से साभार ===*===*===

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